दिवाली , आप कैसे कैसे मनाते है ? सोचिए

क्योँ पूरे देश मे सालो भर पटाखे नहीँ फुटते है? तो फिर दिवाली मना कर क्या फायदा बैँगलोर से दिल्ली तक और गुजरात से मणीपुर तक ये फटाके खुशी मेँ नही ब्लकि ये फटाके हमे गम दे कर चले जाते है, किसी ने दिवाली बम बिस्फोट मे मना लिया और उसके बाद कभी मना भी नही सकते किसी के परिवार को दिवाली के नाम से ही दहशत होने लगती है कारण साफ है कि जब फटाखे फूटते है तो दिल सिहर जाता है क्योँकि न जाने कब किसी का भाई माँ चाचा पिता या बहन छिन जाए क्योँकि ये वो दिवाली है जो आंतकी मनाते है परंतु दिवाली ये नही मन रहे है बल्कि हमारी सरकार इसे मनाने दे रही है अगर सरकार जब तक श्रीलंका से सबक नही लेगी और कोई कड़ा क़दम नही उठाती है तो ये दिवाली मैं हम क्या कर सकते है. सिर्फ़ सोच ही सकते है और मन की कुंठा निकलने के लिए २-४ लेख ली लिख सकते है आप भी सोचीये.

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